Tuesday 22 August 2017

हम आदिकाल से ही विश्वगुरु है

हम आदि काल से ही विश्वगुरु है

1-क्लास में आते ही गणित के गुरु हो गए शुरू और बोले,
आर्यभट्ट ने शून्य की खोज कर भारत को बनाया विश्वगुरु,
2-मेने कहा गुरु बंद करो अपनी बकवास,
पहले तथ्यों का जानो और बातें करो कुछ खास खास,
3-हम भारतीय तो आदि काल से ही विश्वगुरु है,
जबसे श्रष्टि में मनुष्य का जीवन शुरू है !
4-आर्यभट्ट का जन्म कलयुग के 476ईश.में बिहार में हुआ था,
  क्या इसी के बाद शून्य का अविष्कार संसार में हुआ था ।
5-नही गुरु आज एक अज्ञानी भी ज्ञान की बात करेगा ,
आदिकाल के सभी धार्मिक ग्रंथ और पुराण की बात करेगा ।
6-द्वापर युग में वाल्मीकि ने रामायण लिख दिया था,
श्रीराम को सातवे अवतारी नारायण लिख दिया था।
7- वाल्मीक जी ने बताया था की  भगवन राम साक्षात् जगदीश थे,
और रामायण में लिखा है की लंकानरेश रावण के दस शीश थे,
8- दस सिर रावण ने शिव को समर्पित कई बार किया,
तो फिर आर्यभट्ट ने कैसे शून्य का अविष्कार किया है,
9-आओ गुरु में त्रेता युग की भी तुमसे बात करता हूँ,
श्रीकृष्ण के मुखारविंद की गीता की बात करता हूँ ।
10-  कौरवो के सौ पुत्र थे श्री कृष्ण ने गीता में खुलकर बताया है,
सौ लिखने के लिए शून्य की जरुरत होती है यह हमें अपने ही समझाया है ।
11- गुरु बोले अरे अज्ञानी तूने समझ दिया सभी गीता ग्रन्थ पुराण को,
और आज से पूरी दुनिया जानेगी एक अज्ञानी के ज्ञान को !
12-हम श्रष्टि के निर्माण से ही कुछ  नया खोजने के लिए शुरू थे,
और आदि काल से ही शून्य के जनक और विश्व गुरु थे,

हास्य कवि सुरेंद्र ठाकुर अज्ञानि जी सूरत 9727740048

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