Friday 6 October 2017

GST काउंसिल मीटिंग एक्सपोर्ट व गोल्ड ज्वेलरी के इर्द गिर्द

GST काउंसिल मीटिंग एक्सपोर्ट व गोल्ड ज्वेलरी मुद्दों के इर्द-गिर्द ही सिमटी रही, कपड़ा कारोबारी रखें अब अगली मीटिंगों से उम्मीद
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वित्तमंत्री श्री अरुण जेटली ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया कि विशेष कर स्मॉल स्केल इंडस्ट्रीज व एक्सपोर्टरों की समस्या हमारे सामने बड़े पैमाने पर आई। एक्सपोर्टर को उनके रिफंड को लेकर दिक्कत आ रही थी। अतः एक्सपोर्टरों की समस्याओं पर आज की मीटिंग में विशेष चर्चा हुई। कॉम्पोजिशन स्कीम की सीमा बढाई गई, अन्य बिंदुओं पर मंथन करने हेतु एक 5 सदस्यों की सिमिति नियुक्त की गई, उल्लेखनीय बिंदु यह हैं कि GST प्रावधानों से इस देश का टेक्सटाइल्स उद्योग सर्वाधिक दिक्कत महसूस कर रहा हैं, सिर्फ जरी में 18 प्रतिशत से 5 प्रतिशत टेक्स दर किए जाने के बिंदु को अपवाद मान भी लें तो भी कपड़ा उद्योग को किसी प्रकार की राहत नही मिल पाई, एक माह की बजाय तीन माह में रिटर्न भरने के साथ अनेक शर्ते जुड़ी हैं, वैसे भी मात्र डेढ़ करोड़ सालाना के टर्न ओवर पर यह बदलाव किया गया हैं, लेकिन इस महंगाई के दौर में सूरत के विभिन्न टेक्सटाइल्स मार्केटों में प्रति वर्ष डेढ़ करोड़ का टर्न ओवर करने वाले छोटे व्यापारी ढूंढने से भी नही मिलेंगे, वित्तमंत्री जी के अनुसार इस छूट से 95 प्रतिशत व्यवसाही लाभांविंत होंगे, लेकिन मुझे लगता हैं कि जो 5 प्रतिशत व्यवसाही इस स्कीम के फायदे से वंचित रहेंगे वे सारे के सारे सम्भवत सूरत के ही हैं, जो कपड़ा व्यापारी व इस व्यापार से जुड़े शुभ चिंतक गत दिनों दिल्ली में हसमुख अढिया जी से मिल कर लौटे थे। उस समय ऐसा प्रतीत हो रहा था कि अढिया जी ने कपड़ा उद्यमियों की समस्याओं को गम्भीरता से समझा हैं और आज आयोजित हुई GST काउंसिल की मीटिंग में इस समस्या का समाधान निकल जाएगा। कम से कम ऐसा भ्रम हर किसी का बना हुआ था। लेकिन परिणाम के तौर पर खोदा पहाड़ औऱ निकली चुहिया वाली कहावत ही चरितार्थ हो रही हैं,
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◆ जो बदलाव किए गए वे निम्न अनुसार हैं।

◆जरी वर्क पर 18 प्रतिशत से घटा कर 5 प्रतिशत GST की गई।

◆ एक्सपोर्टर को अब 10 अक्टूबर से जुलाई महीने का रिफंड दे देंगे। 18 अक्टूबर से गत अगस्त का रिफन्ड दे दिया जाएगा। हर एक्सपोर्टर का ई वॉलेट बनेगा, यह व्यवस्था 1 अप्रेल से लागू होगी, ई वॉलेट में एडवांस रिफंड दिया जाएगा।

◆कम्पोजिशन स्कीम ( फिक्स टेक्स भरने की सीमा) 75 लाख से बढ़ कर एक करोड़ हुई, इस स्कीम के तहत ट्रेडर्स को 1 प्रतिशत, उत्पादक को 2 प्रतिशत व 5 प्रतिशत रेस्टोरेंट पर GST देय होगा। कॉम्पोजिशन में सीमा 75 लाख से बढ़ा कर 1 करोड़ कर दिया हैं।

◆ पहले से लागू प्रत्येक माह में GST रिटर्न भरने की जगह अब हर तीन महीने में GST रिटर्न भरने की व्यवस्था पर कुछ शर्तों के साथ सहमति बनी यह उल्लेखनीय हैं कि रिटर्न तो प्रत्येक तीन माह में भरना होगा लेकिन GST तो प्रत्येक माह जमा कराना पड़ेगा। औऱ ये सुविधा 1,50 करोड़ सालाना टर्न ओवर वाले व्यवसाहियों को ही मिल पाएगी। इस जटिल मुद्दे पर तीन से चार घण्टा चर्चा चलने के पश्चात ही सहमति बन पाई।

◆ एक्सपोर्टर को मिली IGST से छूट। अब एक ही फॉर्म से भरा जा सकेगा रिटर्न, GST से पहले मिलने वाली छूट 1 मार्च तक जारी रहेगी। एक्सपोर्ट को ई-वॉलेट में ई-करेंसी सुविधा 1 मार्च 2018 से प्रभावी होगी। इससे वर्किंग केपिटल समस्या दूर होगी। एक्सपोर्टर के टेक्स के रूप में जमा फंसा रिफंड जल्द होगा।

◆ ई वे बिल प्रणाली 31 मार्च तक टाला गया।

◆ दूसरे राज्यों में माल बेच सकेंगे कम्पाउंडिंग डीलर्स।

◆ रिवर्स चार्ज मैकेनिज्म ( रिवर्स चार्ज व्यवस्था) को 31 मार्च 2018 तक टाला गया।

◆ नए बदलाव के पश्चात 50 हजार रु से ऊपर कि गोल्ड ज्वेलरी खरीदने पर KYC जरूरी नही। यानी न तो PAN कार्ड तथा न ही जानकारी देने की जरूरत रहेगी। पहले यह जरूरी था। अब 50 हजार से 2 लाख की खरीदी पर PAN नही मांगा जाएगा। लेकिन 2 लाख से ज्यादा की गोल्ड ज्वेलरी खरीदने पर PAN आयकर की दृष्टि से देना जरूरी होगा।

◆ सराफा कारोबार  (PMLA) मनी लांड्रिंग से बाहर हुआ।

◆ मार्बल व ग्रेनाइट को छोड़ कर कोटा स्टोन, टाइल्स आदि 28 से 18 प्रतिशत किया गया हैं।

◆ खाखरा,चपाती, अनब्रांडेड नमकीन, अनं ब्रांडेड आयुर्वेदिक दवाइयां, पेपरवेट, मैंगो स्लाइज, मैंगो पापड़ में GST 12 प्रतिशत से घटा कर 5 प्रतिशत किया गया।

◆ ई वेस्ट 28 प्रतिशत से घटा कर 5 प्रतिशत।

◆ प्लास्टिक कचरा 18 प्रतिशत से घटा कर 5 प्रतिशत किया गया।

◆ पैकेज फूड 18 से घटा कर 5 प्रतिशत।

◆ स्टेशनरी 28 से घटा कर 18 प्रतिशत।

◆ पम्प के पार्ट्स 28 प्रतिशत से घटा कर 18 प्रतिशत किया गया।

◆ रेस्टोरेंट पर GST, इंटर स्टेट बिक्री की समीक्षा के लिए एक विशेष सिमिति बनी।

◆ 27 आइटम के रेट्स में बदलाव किए गए।

◆ करीब 5 करोड़ छोटे-बड़े व्यापारी GST प्रावधानों के बदलाव से लाभान्वित होंगे।

◆ GST काउंसिल की अगली बैठक गुवाहाटी में 9-10 दिसम्बर को होगी।
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लिपिबद्ध-गणपत भंसाली
स्त्रोत- CNBC व Z Business आदि न्यूज चैनल

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