Wednesday 13 December 2017

श्री मोदी जी दिग्भ्रमित या भयभीत ----डॉक्टर अरविन्द जैन भोपाल

विद्रोही आवाज समाचार पत्र की एनरोइड ऐप अपने मोबाइल में प्ले स्टोर से नीचे दिए लिंक से या प्ले स्टोर में vidrohi awaz सर्च https://goo.gl/CR1JfP डाउनलोड करे
मनोवैज्ञानिक बताते हैं की जब कोई मनुष्य उच्चता पर पहुंच जाता हैं तब वह बहुत भयभीत होता हैं कारण उसे गिरने का भय रहता हैं .जिस प्रकार परीक्षा में पास या फ़ैल होने का डर रहता हैं .पास होने वाले को उच्चतम अंक पाने का भय रहता हैं. सुन्दर को कुरूपता का भय .यानि जो विकास की बात करता हैं उसे विनाश का भय .जो मैदान में हैं उसे जीतने या हारने का भय .और जिसे विजेता बनने का शौक उसे दिग्भ्रमित होने का भय .उसे हर समय जीत का विषाणु के संक्रमण का भय .यानि जो जहाँ हैं वह द्वन्द में या अशांत हैं . 
सत्ता के समक्ष यदि साधु ,संत ,विद्वान् घुटने टेकने लगते हैं तब सत्ता का अर्थ /महत्व समाज में कम होने लगता हैं .पहले राजा संतो के चरणों में जाते थे अब संत महंत सत्ता सुख के लिए राजाश्रय पाने को आतुर हैं ..जब से गुजरात चुनाव शुरू हुआ तो मानो ऐसा लग रहा हैं जैसे भूमण्डल का चुनाव हो और चुनाव के दौरान पार्टियों ने अपना नंगा रूप दिखा दिया ,वर्तमान में शब्दों का निम्म स्तरीय उपयोग जब जन सामान्य को अपचनीय हैं तब बोलने वालों को जब आत्म चिंतन का मौका मिलता होगा तो अपराध बोध अवश्य होता होगा यदि उनमे मानवीयता होगी.
आज सत्तापक्ष के शीर्ष नेता विपक्ष की उपस्थिति .को पचा नहीं पा रहे हैं .मात्र सड़े गले लिपलिपे शब्दों का मकड़ जाल फैला कर अपना अस्तित्व कायम रखना चाह रहे उसमे वे असफल हो गए. चुनाव जनता की समस्यायों का न होकर व्यक्तिवाद पर आधारित हो गया .क्या प्रदेश मौलिक सुविधाओं से परिपूर्ण हैं या मूल समस्याएं अभी भी मुंह बांय खड़ी हैं .मोदी इस समय भारत के प्रधान मंत्री नहीं लग रहे वरन एक सामान्य नेता के रूप में भटक रहे हैं ,दर दर की ठोकरें खा रहे हैं सत्ता का लाभ उठाकर कुछ भी अनर्गल प्रलाप कर रहे हैं .और यह प्रलाप रुदन में बदल कर अभी एक दो दिनों में और विष वमन करेंगे .वैसे मोदी का जादू प्रभावहीन होता जा रहा हैं . सिर्फ भाषणों में चिल्लाने से उन्हें कुछ फायदा नहीं होना हैं कारण आजकल में और कोई शिगूफा छोड़ा जायेगा जिससे उन्हें कितना लाभ होगा कहना असंभव हैं .
इसका एक ताज़ा उदाहरण पूर्व प्रधान मंत्री श्री मनमोहन सिंह जैसे प्रबुद्ध नागरिक नेता के ऊपर यह आरोप की उन्होंने पाकिस्तान के नेताओं से मिलकर गुजरात चुनाव से सत्ता परिवर्तन कराना चाहते हैं . यह बात एक प्रधान मंत्री या उनकी पार्टी के नेताओं का अक्ल का दिवालियापन दिखाई देता हैं .वैसे मोदी जी का आकलन ठीक हैं .जो व्यक्ति परिवार में नहीं रहता और स्व केंद्रित होता हैं उसे सामाजिक व्यवस्थाएं अनुभवहीन लगती हैं . वे असामाजिकता में विश्वास रखते हैं कारण जब उन्होंने स्वयं अपने नेताओं को जिनकी वैशाखी से चलकर इस पद पर आरूढ़ हुए उनको दर किनार का दिया तब अन्यों के बारे में उनका कथन सही हो सकता हैं .सत्ता परिवर्तन जनता के हाथ में हैं ,सत्ता की पतंग हाथ से निकलने के कारण यह बौखलाहट हो सकती हैं .पर सत्ता की भूख इतना दीवाना बना देती हैं की निजियों से भी दुराव करते हैं और विपक्ष को माटी की धुल की भूल कर बैठते हैं .अभी कल एक नया शिफूगा छोड़ा जाएंगे क्योकि परसों मतदान हैं .उस शिफूगा का उत्तर मतदान के दूसरे दिन होगा तब तक वोट डल जायेंगे..
यह बात तो निश्चित हो गयी की गुजरात मॉडल फेल हैं और विकास का दावा कही न कही मोदी को दश रहा हैं नहीं तो इतनी ऐड़ी छोटी की मेहनत क्यों करनी पड़ रही हैं .यानी कथनी और करनी में बहुत अंतर होना चाहिए. मोदी सिर्फ भाषणों में लच्छेदार बात करते हैं पर जमीनी हकीकत कुछ और हैं . हमारे देश में विगत वर्षों में कोई विकास नहीं हुआ .जितना विकास हुआ हैं मात्र तीन वर्ष में !जब विकास किया तो डरना क्यों. मोदी जी ने कल जो आरोप या घटिया आरोप या निमंतर आरोप पूर्व प्रधान मंत्री पर लगाए वे अत्यंत असम्मानजनक और प्रतिष्ठा के विरुद्ध रहा .
वैसे इस गुजरात चुनाव ने सब नेताओं की कलई खोल कर रख दी .अब ऐसे समय हम किसी को आदर्श /महान/महापुरुष कहने के योग्य नहीं समझते सबके दोहरे रूप सामने आ गए.सब बौराएँ हैं ,सब दिग्भ्रमित या मानसिक विकृति से पीड़ित हैं या बुद्धि ह्रास होने से भयभीत हैं.चुनाव कोई बड़ी घटना या दुर्घटना नहीं हो सकती जितनी शब्दों के द्वारा सबने नैतिकता की तिलांजलि दे दी. हमें सब मालूम हैं ये सब एक थैली के चट्टे बट्टे हैं .चोर चोर मौसरे भाई हैं .यह सत्तानशीनों को शोभा नहीं देता .
क्यों इतना गर्व करते हो अपने कर्मो पर ,
जो किया हैं उसको तो भोगना होगा ,
दिनरात विकास का डंका बजाने वाले
अब क्यों अपने डंके से डर रहे हो
क्या यह स्वयं की प्रतिध्वनि तो
नहीं ललकार रही हैं मोदी को
अब चिड़िया चुग गयी खेत
अब पछतातयें का होत,
शब्दों के वाणों से कोई नहीं मरता
कौआ को कोसने से कितने मरे अब तक
पर इस चुनाव ने मोदी एंड कंपनी को
विपक्षियों ने पानी पिला दिया
यह भविष्य के लिए चेतावनी हैं
जमीनी हकीकत पर लाओ वादों को
डॉक्टर अरविन्द जैन संस्थापक शाकाहार परिषद् भोपाल 09425006753

1 comment:

  1. Casino in India: Review & Login | JTG Hub
    Casino India ⭐ India, 충청남도 출장마사지 India, New Customer 대구광역 출장샵 Offer ₹350 Welcome Offer ₹30 Free 보령 출장안마 Bet ⚡️ Get 구미 출장안마 20% bonus offer when 문경 출장마사지 you

    ReplyDelete